विटामिन जटिल कार्बनिक यौगिक होते है. शरीर को इनकी बहुत कम मात्रा की जरुरत होती है परन्तु निरोग और स्वस्थ रहने के लिए ये अत्यंत आवश्यक होते है. विटामिन की खोज एफ. जी. होपकिन्स और क्राइस्तान एइज्क्मान ने की परन्तु विटामिन शब्द का इस्तेमाल करने का श्रेय कैसिमिर फंक को दिया जाता है.
विटामिन दो प्रकार के होते है –
- जल में घुलनशील, जैसे – B, C
- वसा में घुलनशील, जैसे – A, D, E, K
विभिन्न विटामिन, उनके स्रोत तथा कमी से होने वाले रोग –
- विटामिन A (रेटिनॉल) दूध, मक्खन, कलेजी, मछली तेल, अंडा, गाजर, हरी सब्जी आदि इसके मुख्या स्रोत है. इसकी कमी से रतौंधी होती है.
- विटामिन B1 (थायमिन) अनाज, यीस्ट, अंडा, मांस इसके मुख्य स्रोत हैं. इसकी कमी से बेरी-बेरी रोग होता है.
- विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) पनीर, अंडा, एअत, गेंहू, मांस आदि में पाया जाता है.
- विटामिन B6 (पाईरोडॉक्सिन) दूध, मांस, यीस्ट, अनाज, दाल, फल आदि में पाया जाता है. इसकी कमी से रक्ताल्पता, चर्मरोग, पेशियों में ऐठन होता है.
- विटामिन B9 (फोलिक एसिड) कलेजी, सोयाबीन, यीस्ट हरी सब्जी आदि में पाया जाता है. इसकी कमी से रक्तक्षीणता होती है.
- विटामिन B12 (सायनाकोबालमिन) मांस, मछली, अंडा, जिगर, दूध आदि इसके मुख्या स्रोत है. इसकी कमी से खून की कमी या रक्तक्षीणता होती है.
- विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड) के मुख्य स्रोत निम्बू कुल के फल, आंवला, टमाटर आदि है. इसकी कमी से स्कर्वी रोग होता है.
- विटामिन D (कैल्सिफेरोल) दुग्ध उत्पाद,जिगर, मछली का तेल, अंडा, गेंहू आदि में पाया जाता है. धूप सेकने से त्वचा में उपस्थित डाइहाइड्रोकोलेस्ट्रोल अंततः किडनी में विटामिन D में बदलता है. इसकी कमी से सूखा रोग होता है तथा हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं.
- विटामिन E (टोकोफ़ेरॉल) गेंहू, अंडे की जर्दी आदि इसके मुख्य स्रोत है. इसकी कमी से जनन क्षमता में कमी आती है.
- विटामिन K (फाइलाक्वीनॉन, मेलाक्वीनॉन, नाप्थाक्वीनॉन) पनीर, अंडा, जिगर आदि इसके मुख्य स्रोत हैं. इसकी कमी से खून का थक्का नहीं जमता.