दिल्ली सल्तनत: तुगलक वंश

दिल्ली सल्तनत: तुगलक वंश :

गयासुद्दीन तुगलक (1320-1325)

  • गयासुद्दीन तुगलक ने 1320 ई० में खुसरो शाह की हत्या करके दिल्ली सत्लनत के तुगलक वंश की स्थापना की।
  • गयासुद्दीन तुगलक या गाजी बेग तुगलक, अलाउद्दीन खिलजी के समय दिपालपुर का सूबेदार था।
  • गयासुद्दीन तुगलक पहला सुल्तान था जिसने कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किया। उसने सिंचाई के लिए नहरों का निर्माण  कराया।
  • गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के पास तुगलकाबाद नगर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।
  • तुगलकाबाद नगर को रोमन शैली में बनाया गया तथा वहां छप्पनकोट नामक दुर्ग बनाया गया।
  • गयासुद्दीन तुगलक ने बंगाल तथा वारंगल के लिए सैनिक अभियान किया।
  • प्रतापरूद्रदेव के विरुद्ध तेलंगाना अभियान 1321 का नेतृत्व जूना खां (मुहम्मद तुगलक) ने किया था।
  • गयासुद्दीन तुगलक ने 29 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया।
  • गयासुद्दीन तुगलक के चिश्ती संप्रदाय के सूफी संत निजामुद्दीन औलिया से अच्छे संबंध नहीं थे।

गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई० में बंगाल अभियान से लौटते समय उसके स्वागत में जूना खां द्वारा निर्मित लकड़ी के महल के ढहने से दबकर हुई थी।

मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351)

  • गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद जूना खां 1325 में मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से दिल्ली का सुल्तान बना।
  • मुहम्मद बिन तुगलक के समय में दिल्ली सल्तनत का क्षेत्र सबसे अधिक विस्तृत था।
  • मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली का पहला सुल्तान था जिसने योग्यता के आधार पर पद देना प्रारंभ किया।
  • मुहम्मद बिन तुगलक के ही शासनकाल में दक्षिण भारत में हरिहर  और बुक्का  नामक दो भाइयों ने 1336 ई० में विजयनगर नामक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।
  • महाराष्ट्र क्षेत्र में अलाउद्बदीन बहमनशाह ने 1347 ई० में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की।
  • मुहम्मद बिन तुगलक अपने विवादास्पद निर्णयों के कारण प्रख्यात हुआ। दो आब में  उपज के 50% तक कर वृद्धि, राजधानी परिवर्तन, सांकेतिक मुद्रा प्रचलित करना, खुरासान अभियान, कराचिल अभियान आदि मुहम्मद तुगलक के महत्वाकांक्षी निर्णय थे जो अपव्ययी और असफल सिद्ध हुए।
  • मुहम्मद तुगलक ने दिल्ली से दौलताबाद (देवगिरी) राजधानी स्थानांतरित किया।
  • सोने और चांदी के सिक्कों की जगह तांबे और पीतल के सिक्के चलाए गए  जो कि तत्कालीन परिस्थितियों में पूरी तरह असफल हो गया।
  • मुस्लिम विद्वान जियाउद्दीन बरनी मुहम्मद तुगलक के दरबार में 17 वर्ष तक रहा।
  • मुहम्मद तुगलक ने कृषि विकास के लिए दीवान ए कोही नामक विभाग की स्थापना की।
  • अफ्रीकी यात्री इब्नबतूता मुहम्मद तुगलक के समय में भारत आया।
  • 1333 ई० में मुहम्मद तुगलक ने इब्नबतूता को दिल्ली का काजी नियुक्त किया।
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने 1342 ई० में इब्नबतूता को अपना दूत बनाकर चीन के दरबार में भेजा था। इसके पहले 1341 में चीन के शासक तोगन तिमूख ने अपना राजदूत दिल्ली दरबार में भेज कर हिमाचल प्रदेश के बौद्ध मंदिरों के जीर्णोद्धार की अनुमति मांगी थी।
  • जैन मुनि जिन चंद्रसूरी को मुहम्मद तुगलक ने सम्मानित किया था।
  • भारतीय इतिहास में मुहम्मद तुगलक सर्वाधिक विवादास्पद व्यक्तित्व वाला शासक माना गया है। कुछ लोगों ने इसे पागल, सनकी रक्त पिपासु आदि कहा है।
  • जबकि मुहम्मद तुगलक सभी मध्य कालीन सुल्तानों में सबसे अधिक शिक्षित और विद्वान व्यक्ति था। वह अपने समय से बहुत आगे था।
  • मुहम्मद तुगलक ने इंशा ए महरू नामक पुस्तक की रचना की।
  • मुहम्मद तुगलक की मृत्यु थट्टा में हुई।

मुहम्मद तुगलक की मृत्यु पर बदायूंनी ने लिखा “सुल्तान को उसकी प्रजा से और प्रजा को अपने सुल्तान से मुक्ति मिल गई।”

फिरोजशाह तुगलक (1351-1388)

  • मुहम्मद तुगलक की मृत्यु के बाद उसका चचेरा भाई फिरोजशाह तुगलक दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
  • फिरोजशाह तुगलक का राज्याभिषेक थट्टा में हुआ तथा बाद में दिल्ली में भी हुआ।
  • फिरोजशाह तुगलक ने 24 कष्टकारी करों को समाप्त कर दिया।
  • फिरोजशाह तुगलक ने शरीयत द्वारा स्वीकृत चार करों को ही मुख्य रूप से रखा; जजिया, जकात, खराज और खम्स।
  • जजिया गैर मुसलमानों पर लगाया जाने वाला कर था।
  • फिरोजशाह तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगाया। इससे पहले शायद ब्राह्मणों को फकीर समझकर कर नहीं लगाया जाता था।
  • फिरोजशाह तुगलक ने सिंचाई कर हक ए शर्ब लगाया जो सिंचित भूमि की उपज का 1/10 होता था।
  • फिरोज तुगलक ने पांच बड़ी नहरों का निर्माण भी कराया।
  • उसने फिरोजाबाद, हिसार, जौनपुर, फतेहाबाद आदि शहरों का निर्माण कराया।
  • फिरोजशाह तुगलक ने सबसे पहले राज्य की आय का प्रामाणिक ब्यौरा  तैयार कराया।
  • फिरोजशाह ने सम्राट अशोक के टोपरा और और मेरठ स्थित दो स्तंभों को दिल्ली स्थानांतरित कराया।
  • फिरोजशाह तुगलक ने दीवान ए खैरात (दान विभाग) की स्थापना की।
  • फिरोजशाह तुगलक के समय में सबसे अधिक संख्या में 180000 दास थे। उसने दीवान ए बंदगान (दास विभाग) की भी स्थापना की थी।
  • फिरोजशाह तुगलक के दरबार में अपने समय के माने हुए विद्वान जियाउद्दीनन बरनी और शम्शे सिराज अफीक रहते थे।
  • बरनी ने फतवा ए जहांदारी तथा तारीख ए फिरोजशाही लिखी और शम्शे सिराज अफीक ने भी तारीख ए फिरोजशाही की रचना की।
  • फिरोजशाह तुगलक फुतूहाते फिरोजशाही के नाम से आत्मकथा लिखी।
  • फिरोजशाह तुगलक ने दिल्ली के निकट दार उल सफा नामक एक खैराती अस्पताल खोला।
  • फिरोजशाह तुगलक ने फिरोजशाह कोटला के किले का निर्माण कराया।
  • फिरोजशाह तुगलक ने अपने जाजनगर (उड़ीसा) अभियान के दौरान पुरी के जगन्नाथ मंदिर को ध्वस्त किया तथा नागरकोट अभियान के दौरान ज्वालामुखी मंदिर को लूटा और ध्वस्त किया।
  • फिरोजशाह तुगलक ने सैंकड़ो संस्कृत ग्रंथों का दलायले फिरोजशाही के नाम से आजुद्दीन खालिद द्वारा फारसी में अनुवाद करवाया।
  • नासिरुद्दीन महमूद तुगलक वंश का अंतिम शासक था।
  • तैमूर लंग ने नासिरुद्दीन महमूद के शासनकाल में 1398 में भारत पर आक्रमण किया। उसने पंद्रह दिनों तक दिल्ली को लूटा। तैमूर लंगड़ा ने फिरोजाबाद, मेरठ, हरिद्वार और कांगड़ी को भी लूटा।
  • तैमूर लंग ने खिज्र खां को मुल्तान, लाहौर तथा दीपालपुर​का शासक नियुक्त किया।
दोस्तों के साथ शेयर करें

5 thoughts on “दिल्ली सल्तनत: तुगलक वंश”

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *