अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
योग क्या है
योग का अर्थ जुड़ना होता है, योग के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से प्रकृति के साथ जुड़ता है, भारतीय धर्म और दर्शन में योग का खास महत्व है आध्यात्मिक ऊर्जा व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को सभी दर्शनों और संप्रदायों ने खुले मन से स्वीकार किया है। इस भागमभाग जिंदगी में गंभीर बीमारियों, मानसिक तनाव, डिप्रेशन, माइग्रेन के लोग शिकार होते जा रहे हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में योग उनको उनके लिए एक वरदान साबित हो रहा है।।
योग का इतिहास
भारतीय मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को योग का जनक माना जाता है उन्हें आदियोगी भी कहा जाता है, हालांकि 2500-1750 ईसा पूर्व के सिंधु घाटी सभ्यता में भी योगाभ्यास का प्रमाणिक चित्रण मिला है जिसमें एक योगी की मूर्ति प्राप्त हुई है, वैदिक काल में भी योग का विशेष महत्व रहा, सबसे पहले महर्षि पतंजलि ने वेदों में बिखरी योग का वर्गीकरण किया तथा योग सूत्र नामक एक पुस्तक लिखी।।
बाद में यह मध्यकालीन भारत के संतों के माध्यम से विकसित होती रही तथा आधुनिक युग में रामकृष्ण परमहंस, योगानंद, विवेकानंद, अरविंदो और स्वामी सत्येंद्र सरस्वती जैसे महान हस्तियों ने भारत को विश्व स्तर योग गुरु के रूप में पहचान दिलाई।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा में ने 11 दिसंबर 2014 को एक ऐतिहासिक प्रस्ताव के जरिए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया, इसके लिए काफी पहले से चर्चा चल रही थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में योग को लेकर विशेष जोर दिया जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।।
मोदी जी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारी समर्थन मिला तथा 193 देशों में से 175 देशों ने इस प्रस्ताव में सहमति दी तथा अमेरिका कनाडा और चीन जैसे देश भी इसमें शामिल हुए यह अपने आप में एक समर्थन का रिकॉर्ड था।।
इसके बाद 21 जून 2015 को राजपथ पर सबसे पहले विश्व योग दिवस मनाया गया, जिसका थीम ” सद्भाव और शांति के लिए योग ” था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों ?
21 जून का चयन इस वजह से किया गया है क्योंकि 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, भारतीय मान्यताओं के मुताबिक इसे ग्रीष्म संक्रांति का दिन भी माना जाता है, आम दिनों के मुकाबले 21 जून को सूरज की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं जिसके कारण दिन बड़ा होता है इस घटना को योग में संक्रमण काल कहते हैं, संक्रमण काल में योग करने से शरीर को विशेष फायदा मिलता है।।
योग को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयास
योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार नें 2015 से ही नए-नए थीम के साथ 21 जून को एक नए स्थान पर भारी जनसमूह के बीच प्रधानमंत्री के योग करने का रिवाज प्रारंभ किया है, अलग-अलग वर्षों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम अलग-अलग रही है, जैसे-
- 2015 – सद्भाव व शांति के लिए योग,
- 2016 – कनेक्ट टू यूथ,
- 2017- योगा फॉर हेल्थ,
- 2018- योगा फॉर पीस,
- 2019- योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन,
- 2020 – घर पर योग परिवार के साथ योग, इत्यादि।
शुरुआत से ही योग को सरकार ने अपने एजेंडे में प्रमुखता से शामिल किया है तथा 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में योगा को शामिल किया तथा अब महाविद्यालयों में भी योग को प्रमुखता से स्थान दिया जा रहा है।।
योग के प्रकार
भारतीय दर्शन में योग दर्शन नें योग के बिखरे स्वरूप को एकत्रित करने का प्रयास किया तथा पतंजलि का अष्टांग योग खूब प्रसिद्ध रहा, वर्तमान समय में योग के कई प्रकार तथा उनके अपने प्रभाव हैं जिनमें से प्रमुख निम्नांकित हैं :-
- यम (शपथ लेना)
- नियम (आत्म अनुशासन)
- आसन (मुद्रा)
- प्राणायाम (श्वास नियंत्रण)
- प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण)
- धारणा (एकाग्रता)
- ध्यान (मेडिटेशन)
- समाधि (बंधनों से मुक्ति या परमात्मा से मिलन), इत्यादि।।
योग में युवाओं के लिए अवसर
भारत शुरू से ही योग को लेकर अपनी विश्व गुरु की छवि को बनाए हुए हैं चाहे हम बात विवेकानंद की करें या वर्तमान में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जिन्होंने योग को पूरे विश्व स्तर पर प्रचारित करने का सराहनीय प्रयास किया है, योग के बढ़ते प्रभाव से योग गुरु गुरुओं की आवश्यकता भी बढ़ रही है योग के क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर के पट पूर्ण रूप से खुले हुए हैं, योग युवाओं को एक नया करियर दे रहा है।।
निष्कर्ष
योग व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक तौर पर शांति प्रदान करता है तथा व्यक्ति के अंतर्मन में शुद्धि का संचार करता है, योग व्यक्ति को एक अच्छा जीवनशैली जीने में मदद करता है तथा योग प्राकृतिक तौर पर सबसे बेहतर उपचार माना जाता है।
आइए हम सब मिलकर हमारी प्राचीन विरासत योग को विश्व स्तर पर बढ़ावा दें तथा स्वयं योग से जुड़कर शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक तौर पर मजबूत बनें।।
धन्यवाद !
लेखक – जितेंद्र कुमार यादव
©️सर्वाधिकार सुरक्षित, तस्वीर – साभार इंटरनेट।
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