स्वराज्य दल : गठन, उद्देश्य एवं उपलब्धियां
05 फरवरी 1922 को चौरी चौरा की घटना के बाद असहयोग आन्दोलन को रोक दिया गया। जब आन्दोलन पूरे उफान […]
05 फरवरी 1922 को चौरी चौरा की घटना के बाद असहयोग आन्दोलन को रोक दिया गया। जब आन्दोलन पूरे उफान […]
भारतीय राजनीति में गांधी जी के पदार्पण के बाद स्वतंत्रता आन्दोलन का एक नया दौर शुरू हुआ। अनेक कारणों से
20वीं सदी के आरंभिक वर्षों में कांग्रेस के अंदर गरम पंथ नामक एक नई प्रवृत्ति का विकास हुआ; जिसका नेतृत्व
‘भारत छोड़ो आन्दोलन‘ या ‘अगस्त क्रान्ति’ भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की अन्तिम महान् लड़ाई थी, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव को