राजपूत चित्रकला
राजपूत चित्रकला राजस्थान में लोक चित्रकला की समृद्ध परंपरा रही है। मध्यकाल में यहां की चित्रकला में मुगल तथा क्षेत्रीय […]
राजपूत चित्रकला राजस्थान में लोक चित्रकला की समृद्ध परंपरा रही है। मध्यकाल में यहां की चित्रकला में मुगल तथा क्षेत्रीय […]
जाॅर्ज बर्कले का आत्मगत प्रत्ययवाद जाॅर्ज बर्कले (1685-1753) ने जाॅन लाॅक के अनुभववाद आगे बढ़ाया। लाॅक ने ज्ञान की प्रक्रिया
जॉन लॉक : अनुभववाद, अनुभववादी ज्ञानमीमांसा जॉन लॉक (1632-1704) ब्रिटिश दार्शनिक तथा विचारक थे। उन्हें आधुनिक पाश्चात्य दर्शन में अनुभववाद
लाइब्नित्ज का चिद्-बिंदुवाद या चिदणुवाद आधुनिक पाश्चात्य दर्शन में बुद्धिवादी विचारधारा का आरंभ देकार्ते से होता है जिसका चरम उत्कर्ष
स्पिनोजा का सर्वेश्वरवाद बेनेडिक्ट स्पिनोजा देकार्ते की परंपरा का बुद्धिवादी दार्शनिक है। लेकिन जहां देकार्ते दो मूल द्रव्यों आत्मा और जड़
रेने देकार्ते के अनुसार अनुभव से प्राप्त हमारा ज्ञान कई बार भ्रमपूर्ण होता है। पारंपरिक ज्ञान में लोक विश्वास का मिश्रण हो सकता है। तर्क और गणित से प्राप्त ज्ञान भी विचार के नियमों की अवहेलना करने के कारण त्रुटिपूर्ण हो सकता है। इसलिए सब कुछ पर संदेह किया जाना चाहिए।