दर्शन

चार्वाक दर्शन
दर्शन, विविध

चार्वाक दर्शन का सुखवादी नीतिशास्त्र

चार्वाक दर्शन का सुखवादी नीतिशास्त्र चार्वाक दर्शन के अनुसार प्रत्यक्ष ही एकमात्र ज्ञान का साधन है। जिसका प्रत्यक्ष नहीं हो

अद्वैत दर्शन
दर्शन, विविध

आदि शंकराचार्य का अद्वैत दर्शन

अद्वैत दर्शन अद्वैत दर्शन के प्रतिपादक शंकराचार्य हैं। उनके अनुसार “ब्रह्म सत्यं जगन्नमिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापर:।” ब्रह्म (निर्गुण ईश्वर) ही

इमैनुएल कांट
दर्शन, विविध

इमैनुएल कांट का समीक्षावाद : दर्शनशास्र मुख्य परीक्षा

इमैनुएल कांट का दर्शन इमैनुएल कांट का दर्शन समीक्षावाद कहलाता है क्योंकि उसने अनुभववाद और बुद्धिवाद की आलोचनात्मक समीक्षा करके

सांख्य दर्शन
दर्शन, विविध

सांख्य दर्शन : प्रकृति, पुरुष एवं सत्कार्यवाद

सांख्य दर्शन भारतीय दर्शन पद्धतियों में सांख्य सबसे प्राचीन माना जाता है। महर्षि कपिल के द्वारा सांख्य दर्शन का प्रतिपादन