गीता का कर्मयोग या निष्काम कर्म का सिद्धांत
कर्मयोग या निष्काम कर्म निष्काम कर्म गीता का मुख्य उपदेश है। गीता की यह स्पष्ट मान्यता है कि कोई भी […]
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चार्वाक दर्शन का सुखवादी नीतिशास्त्र चार्वाक दर्शन के अनुसार प्रत्यक्ष ही एकमात्र ज्ञान का साधन है। जिसका प्रत्यक्ष नहीं हो
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) संयुक्त राष्ट्र महासभा संयुक्त राष्ट्रसंघ के 6 प्रमुख अंगों में से एक है। संयुक्त राष्ट्रसंघ (United Nations:
न्याय-वैशेषिक दर्शन में ईश्वर की अवधारणा न्याय-वैशेषिक दर्शन (न्याय और वैशेषिक) दोनों जुड़वां दर्शन हैं। न्याय दर्शन ज्ञानमीमांसा पर अधिक
अद्वैत दर्शन अद्वैत दर्शन के प्रतिपादक शंकराचार्य हैं। उनके अनुसार “ब्रह्म सत्यं जगन्नमिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापर:।” ब्रह्म (निर्गुण ईश्वर) ही
जैन दर्शन जीव के प्रकार जैन दर्शन चेतन द्रव्य को जीव या आत्मा कहता है। जीव चेतना स्वरूप है अर्थात्