कोरोना से जंग : COVID-19

चीन से प्रस्फुटित कोरोनावायरस अब दुनिया के आधे से अधिक देशों में कोहराम मचा रहा है। यह चीन में जहां 3 हजार से अधिक लोगों की जानें ले चुका है, वहीं इटली में साढ़े तीन हजार लोग इसके आगोश में समा चुके हैं। दुनिया के 186 देशों के ढाई लाख लोग इससे संक्रमित हैं, जिसमें करीब 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और 10 हजार से अधिक लोग गंभीर हालत में हैं। यह भी सच है कि इससे संक्रमित 86 हजार से अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं। यदि संक्रमण का यही आलम रहा, तो मौतों का ये आंकड़ा और भी बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

कोरोना न धर्म देख रहा है, न मजहब; मंदिर देख रहा है, न मस्जिद; न जाति, न धर्म; न सूरत, न सीरत; न अमीर देख रहा है, न गरीब; न देशी देख रहा है, न विदेशी; न गांव देख रहा है, न शहर; न काला, न गोरा; न पढ़ा-लिखा, न अनपढ़; यह सबदूर सबको अपनी आगोश में लेने के लिए आतुर दिख रहा है। यहां तक कि इसकी मारकता व विकरालता जितना झुग्गीझोपड़ी वासियों के लिए है, उतना ही आलीशान भवन वालों के लिए भी है।

इसके खौफ से दुनिया सहम-सी, ठहर-सी गई है। सारे आर्थिक क्रियाकलाप बंद हो गए हैं। कुछ अपनेआप शटडाउन हो गए हैं, तो कुछ को सरकारों ने लाकडाउन कर दिया है। कल-कारखानों और उत्पादन केंद्रों पर ताला जड़ दिया गया है। जो दफ्तर, बाजार, चैक-चैबारे कभी गुलजार रहा करते थे, वहां सन्नाटा पसर गया है।

इसकी भयावहता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व में हेल्थ इमेरजेंसी लगा दिया है और एडवाइजरी जारी की है। यह विकसित देश अमेरिका, स्पेन, जर्मनी, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस समेत विकासमान देश ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और तमाम देशों में हाहाकार मचा रहा है।

दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, खेलकूद, आस्था केंद्र, स्कूल-काॅलेज, कोचिंग संस्थान, माल-बाजार, दुकानें, रेल्वे स्टेशन, बस अड्डे अर्थात भीड़भाड़वाले सभी स्थलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। इससे जापान में होनेवाले आगामी ओलिंपिक खेलों पर घना कोहरा छा गया है। भारत में आईपीएल रोक दिया गया है। सभी खेलों के छोटे-बड़े मैच स्थगित कर दिए गए हैं।

भारत में कोरोनावायरस का विस्तार सभी राज्यों में हो गया है। देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि संक्रमित लोग विदेश से आकर बगैर आइसोलेशन के समाज में घुलमिल रहे हैं। एक मामला लंदन से लौटी सिंगर कनिका कपूर का है, जो बिना आइसोलेशन के नेताओं, जजों, व्यापारियों समेत 600 से अधिक लोगों से मिलीं और अब कोरोना पाजिटिव पाई गई।

ऐसी ही लापरवाहियों से जहां महाराष्ट्र, यूपी, केरल, दिल्ली व राजस्थान सर्वाधिक प्रभावित हैं, वहीं तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा, लद्दाख, गुजरात, मप्र, छग में भी इससे संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। देश में अब तक 16 लोगों की मौत हुई है, वहीं सौ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। लेकिन, जिनकी मौतें हुईं हैं, वे 60 साल से अधिक के बुजुर्ग और अन्य व्याधियों से ग्रसित थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी विकरालता के मद्देनजर देशवासियों से मार्मिक व वैज्ञानिक अपील कर 22 मार्च 2020 रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने का आव्हान किया। यह ‘कर्फ्यू’ जनता द्वारा, जनता के लिए खुद अपने ऊपर लगाया जानेवाला कर्फ्यू था।

जनता कर्फ्यू का स्वागत देश के अधिकांश राज्यों ने किया और अपने सामथ्र्य से इसका पालन किया। इसे ‘नाॅट कर्फ्यू, इट्स केयर फार यू’ कहा गया। वहीं कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स-सीएआईटी ने इसका स्वागत करते हुए अपने व्यापारियों से कहा है कि 22 मार्च को 7 करोड़ व्यापारी अपनी दुकानें बंद रखेंगे। लेकिन, अफसोस कि दिल्ली के शाहीन बाग में बैठे हुए लोग इसकी गंभीरता को समझने के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार इन्हें घरों में रहने की अपील कर रही है, लेकिन इन्हें अपनी थोथी और असंवैधानिक जिद के आगे देशहित की परवाह नहीं है।

कम्प्लीट लॉकडाउन

दरअसल, 19 मार्च से देश में कोरोना का तीसरा चरण यानी कम्यूनिटी इंफेक्शन आरंभ हो रहा है। ये वो समय है, जब वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैल सकता है। इसलिए जनता कर्फ्यू के मार्फत सबको ‘होम आइसोलेशन’ में रहने की सलाह दी जा रही है।

जनता कर्फ्यू के बाद सरकार ने 21 दिनों का कम्प्लीट लॉकडाउन लगा दिया है, जिससे कयास लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस फैलने से रुक जाएगा। देश महामारी से बच जाएगा।

सरकार का मकसद है कि जो व्यक्ति जहाँ है वहीं रहें, इससे कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। सभी तरह के परिवहन सेवा बंद कर दिए गए हैं। हालांकि इससे अन्य राज्यों से आए मजदूरों को दिक्कत जरूर होगी पर करोड़ों लोगों के जीवन के लिए यह त्याग करना ही होगा।

स्वयं की सावधानी

  1. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित व मजबूत करें। खूब पानी पीएं। यदि गले में खराश हो, तो कुनकुना पानी पीएं। खूब व्यायाम, योग व प्राणायाम करें। इसमें अनुलोम-विलोग को प्राथमिकता दें। स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन करें। चिंता व तनावमुक्त रहें। खूब नींद लें, ताकि तन व मन स्वस्थ रहे।
  2. कोरोना वायरस का मानव शरीर में प्रवेश श्वसनतंत्र-आंख, मुंह नाक से होता है, इसलिए बार-बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है, ताकि जब कभी आंख, मुंह या नाक तथा चेहरे में हाथ जाए, तो हाथ धुला रहे।
  3. लोगों से 1 मीटर या 6 फीट की दूरी बनाए रखें। हाथ और गले मिलना-मिलाना संक्रमणकाल में बंद करें। इसकी बजाए नमस्ते का प्रयोग करें।
  4. खांसते या छींकते वक्त रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करें, ताकि वायरस न फैले। टिश्यू पेपर को सीधे डस्टबिन में डालें और रूमाल को रोजाना गरम पानी से धोएं। यह श्वास नली में पनपता है, इसलिए मिनट-आधा मिनट तक दिन में कई बार लंबे-लंबे सांस लें और छोड़ें।
  5. सर्दी, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश या बुखार हो, तो डाॅक्टर की सलाह लें और नजदीकी आइसोलेशन सेंटर में जाकर अपनी जांच करवाएं या किसी डाक्टर को जांच के लिए बुलाएं।
  6. साधारण सर्दी-खांसी से डरें या धबराएं नहीं, बल्कि घरु या बाहरी इलाज कर इन व्याधियों से मुक्त हो जाएं।
  7. लॉकडाउन का पालन करें। इस दौरान सभी जरूरी सेवाएं उपलब्ध होंगी अतः चिंता ना करें और जमाखोरी से बचें।

लेखक : वीरेंद्र देवांगन 

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